नरेन्द्र जैन की कविताएं और असद ज़ैदी की टिपण्णी
वरिष्ठ कवि नरेन्द्र जैन के नए कविता संग्रह `चौराहे पर लोहार` (आधार प्रकाशन) से कुछ कविताएंचौराहे पर लोहारविदिशा का लोहाबाज़ार जहाँ से शुरू होता हैवहीं चौराहे पर सड़कें चारों दिशाओं की ओरजाती हैंएक...
View Articleसेंडी याने संदीप राम - अच्युतानंद मिश्र
उदासी वहाँ दबे पांवरोज आतीदेर रात शराब की मद्धिम रौशनी मेंवे उसे खाली ग्लास की तरह लुढ़का देतेऔर फफक पड़तेउनकी सुबहें दोपहर के मुहाने पर होतींऔर तब दोपहर की तेज रौशनी मेंवे अपने समाज को देखतेअक्सर दूध...
View Articleयाकोब का मुर्ग़ा
(अपने समय के विख्यात चेक बाल कथा लेखक मिलोश मात्सोउरेक (1926-2002) की 'प्राणिशास्त्र' नाम की बाल कथा सीरीज़ से कुछ कहानियों का अनुवाद असद ज़ैदी ने पैंतीस साल पहले किया था जो जवाहरलाल नेहरू...
View Articleकार्टून विवादः एक मानवीय अवलोकन : लाल्टू
भारतीय समाज दलित और गैर-दलित दो तबकों में बँटा है। एक इंसान को औरों से अलग कर देखना मानव मूल्यों की दृष्टि से ग़लत है। पर सामाजिक गतिकी के स्रोत न्याय अन्याय के वांछित-अवांछित कारण हैं। इस आलेख में...
View Articleकार्टून विवाद और एक कट्टरपंथी दलित के मन की हलचल : अनूप कुमार
“मेरा दिमाग खुला है पर खाली नहीं. खुले दिमाग वाला आदमी हमेशा ही स्वागत योग्य होता है. पर जब मै ऐसा कह रहा हूँ वहाँ आपको यह भी समझना होगा कि खुला दिमाग कभी खाली भी हो सकता है. यदि एक खुला दिमाग खुशहाल...
View Articleहुसेन की पहली पुण्यतिथि और शर्मिंदगी गहरी -शिवप्रसाद जोशी
मक़बूल फ़िदा हुसेन को गुज़रे एक साल हुआ. कल्पना करें कि याद में एक खुली प्रदर्शनी लगाई है और हुड़दंगियों की धमकी भी आ गई है. वे कहेंगे हुसेन मत दिखाओ. आयोजन को भंग कर देंगे, हिंसा करेंगे. धमकाएंगें....
View Articleगुलों और दिलों में रंग भरकर चले गए मेहदी.....-शिवप्रसाद जोशी
भारत पाकिस्तान के बीच सियाचिन से सेनाएं लौटाने के स्थूल कूटनीतिक क़िस्म के प्रस्तावों और बातचीत की पेशकशों के बीच दोनों देशों के रिश्तों की तल्खी को मिटाने और एक दूसरे से फिर से जुड़ जाने की बड़ी कोशिश...
View Articleपहाड़ों का विनाश और लीलाधर बुद्धिजीवियों की जुगाड़ी कलाबाजी
समाचार-संदर्भ : हिमालयः बसेगा तो बचेगाAuthor: चारु तिवारी (समयांतर) Edition : July 2012उत्तराखंड के पहाड़ों से इन दिनों खतरनाक आवाजें आ रही हैं। ये आवाजें एक ऐसे नापाक गठजोड़ की हैं जो प्राकृतिक...
View Articleसीपीएम से अलबीना (Albeena Shakil) के निष्कासन के विरोध में बयान
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) यानी सीपीआई (एम) में रहना है तो खामोश रहो (केरल में लोकप्रिय नेता अच्युतानंद को प्रकाश करात यही तो कह चुके हैं)। सीपीआईएम एंटरप्राइजेज के डायरेक्टरों को...
View Articleखूनी खाप पंचायतें, अब भेड़ की खाल में...
रविवार 15 जुलाई 2012 के हिंदी अखबारों के मुखपृष्ठ खापमय हो गए थे। उस दिन मैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली इलाके के अपने गांव हसनपुर लुहारी में था और मेरे हाथों में `हिन्दुस्तान` अखबार था। अखबार की लीड...
View Articleसाहित्यिक चोरी का `सितारा`
पाकिस्तान ने हिंदुस्तानी `लेखक` गोपीचंद नारंग को इसी महीने अपने स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त) के मौके पर अपने तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान `सितारा-ए-इम्तियाज़` से नवाजा है। किसी दूसरे के लिखे को शब्दशः...
View Articleतन्हा कर देने वाली है इंसाफ की लड़ाई - तीस्ता सीतलवाड
गुजरात के नरोदा पाटिया केस में स्पेशल कॉर्ट के फैसले और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ी जा रही पूरी लड़ाई पर एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड से Tehelka की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधुरी की बातचीत। इस फैसले...
View Articleसाहित्य विवेक ही जीवन विवेक है - कुमार अम्बुज
करीब दो बरस पहले यह टिप्पणी लिखी गई थी। एक स्थानीय आयोजन से प्रेरित। बहरहाल।एक-दो वाक्यों में संपादन के साथ यह यहॉं है।साहित्यिक आयोजनों का अजैण्डासाहित्य संबंधी आयोजनों को मोटे-मोटे दो वर्गीकरणों...
View Articleभ्रष्टाचार के साथ अन्याय-अत्याचार भी देखें- मेधा पाटकर
नर्मदा बचाओ आंदोलन की जुझारु नेत्री मेधा पाटकर इस वक़्त सरदार सरोवर बांध क्षेत्र में हैं। मध्य प्रदेश के मेंइंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांधों के डूब क्षेत्र में चल रहे जल सत्याग्रह पर राज्य सरकार के...
View Articleआम्बेडकर और मार्क्सवादी - आनंद तेलतुम्बडे
(निजी तौर मुझे नहीं लगता कि हिंदुस्तान में मार्क्स या आम्बेडकर किसी एक को छोड़कर या कुछ लोगों की `मार्क्स बनाम आम्बेडकर` जैसी ज़िद पर चलकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी जा सकती है। वैसे भी सामाजिक...
View Articleअस्मिता के आंदोलनों के द्वंद्व -शिवप्रसाद जोशी
`समयांतर` में छपे लेख `हिमालयः बसेगा तो बचेगा` के संबंध में राय मांगने पर शिवप्रसाद जोशीने ब्लॉग के लिए यह लेख मेल से भेजा था। मैंने उनसे अनुमति लेकर इसे `समयांतर` को भेज दिया था जो सितंबर 2012 अंक में...
View Articleआरएसएस ने जेपी को इस्तेमाल करके अपना पुनर्वास करवा लियाः आनंद पटवर्धन
आनंद पटवर्धन से जोसी जोसेफ़ की बातचीतयह वाक़या 1988 में त्रिवेंद्रम में हुए भारत के अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह के दौरान हुआ. दि गार्डियन...
View Articleदलित उत्पीड़न का जातीय समीकरण
दिल्ली से सटा हरियाणा देसी-ग्रामीण मिजाज वाले विकसित राज्य के तौर पर जाना जाता है। यहां की सड़कें, यहां के गबरू जवान, यहां की बोली-बानी, यहां के खिलाड़ी लड़के-लड़कियां, यहां के नेता, यहां तक कि यहां की...
View Articleलोकतांत्रिक महिलावादः एलिस वॉकर
हाल में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में बहुत सारे उदारवादी ओबामा के पक्ष में `कम बुरे` का तर्क दे रहे थे। हमारे यहां भी इस तरह कॆ तर्क खूब दिए जाते हैं। अमेरिकी चुनावी नतीजों के तुरंत बाद गाज़ा पर...
View Articleउनका दिव्य सर्किट हमारा अथाह समंदर : शिवप्रसाद जोशी
(गुजरात की एक संक्षिप्त यात्रा पर कुछ नोट्स) सबसे पहले विद्रूप से ही टकराए. जैसे कि यही होना था. साबरमती नदी को भरने के लिए लाया गया नर्मदा का पानी. पानी घिरा हुआ है और...
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