चे के शहादत दिवस पर गणेश विसपुते की कविता
महान क्रांतिकारी और वामपंथी विचारक अर्नेस्टो चे गुएवारादुनिया भर में वंचित तबकों के संघर्षों के प्रतीक और प्रेरणास्रोत हैं। अर्जेन्टीना में जन्मे (14 जून 1928) डॉक्टर अर्नेस्टो क्यूबाई क्रांति के लिए...
View Articleहिटलर के यातना शिविर हैं ये गांव- शंबूक
देसां म्हैं देस हरियाणा जित......30मार्च, शनिवार तक़रीबन शाम साढ़े 5बजे के आस-पास का बात है, जब मदीना गांव, भैराण रोड़ नहर पर दबंग जाति के लोगों द्वारा खेतों में मेहनत-मजूरी करके लौट रहे दलितों के साथ...
View Articleविचारधारा ही ज़बान और बयान को तय करती है - असद ज़ैदी
`प्रभात खबर` अख़बार में छपा वरिष्ठ कवि असद ज़ैदी का इंटरव्यू‘कविता’ आपके लिए क्या है?कविता समाज में एक आदमी के बात करने का तरीक़ा है। पहले अपने आप से, फिर दोस्तों से, तब उनसे जिनके चेहरे आप नहीं जानते,...
View Articleसुधीश पचौरी की उत्तर आधुनिक बेशर्मी
वरिष्ठ कवि वीरेन डंगवाल कैंसर से जूझ रहे हैं, पूरी ज़िंदादिली के साथ। उनके दोस्तों और उन्हें चाहने वालों ने अपने इस प्यारे कवि को पिछले दिनों एक कार्यक्रम आयोजित कर दिल्ली बुलाया था। जाने क्यों यह बात...
View Articleख्वाजादास के पद वाया मृत्युंजय
पिछले कुछ दिनों से वरिष्ठ कवि असद ज़ैदी पर महाकवि ख्वाजादास की कृपा बनी हुई है। खुशी की बात यह है कि अब वे हमारे एक और बेहतरीन हिंदी कवि मृत्युंजयपर भी नाजिल हुए हैं। उन्होंने जो फरमाया, वह मृत्युंजय...
View Articleमुज़फ़्फ़रनगर के ओमप्रकाश वाल्मीकि
ओमप्रकाश वाल्मीकि मुज़फ़्फ़रनगर जिले के थे और इस तरह एक चलन की तरह मैं कह सकता हूं कि यह मेरी निजी क्षति है। कहने को मुज़फ़्फ़रनगर की `साहित्यिक?` संस्थाएं भी ऐसे बयान अखबारों के लोकल पन्नों पर छपवा...
View Articleअपने से डरा हुआ बहुमत : असद ज़ैदी
क्या वो नमरूद की ख़ुदाई थीबन्दगी में मिरा भला न हुआ (ग़ालिब)नमरूद बाइबिल और क़ुरआन में वर्णित एक अत्याचारी शासक था जिसने ख़ुदाई का दावा किया और राज्याज्ञा जारी की कि अब से उसके अलावा किसी की मूर्ति...
View Articleवाम पक्षों में यौन हिंसा के मामले और जवाबदेही : लॉरी पैनी
(लॉरी पेनी ब्रिटेन की मशहूर नारीवादी वामपंथी लेखक और ब्लॉगर हैं. उनकी यह टिप्पणी “न्यू स्टेट्समन” पत्रिका में प्रकाशित हुई थी जिसमें वे नियमित स्तम्भ लिखती हैं. घटना विशेष और देश के ख़ास सन्दर्भ में...
View Articleपेंगुइन को अरुंधति की फटकार
अमेरिकी लेखक वेंडी डॉनिगर की `द हिन्दू: एन ऑलटरनेटिव हिस्ट्री`को पेंगुइन ने एक अनजान से कट्टर हिंदू संगठन के दबाव में `भारत` के अपने ठिकानों से हटाने का फैसला किया है। मशहूर लेखिका-एक्टिविस्ट अरुंधति...
View Article`फैन्ड्री’ के निर्देशक का मार्मिक आत्म-कथन
सपनों को छोटी-छोटी राहें और सख्त नाकेबंदी-----------------------------------------------इस हफ्ते एक मराठी फिल्म रिलीज़ हुई है 'फैन्ड्री', जो कुछ-कुछ निर्देशक नागराज पोपटराव मंजुले की अपनी कहानी है. आज...
View Articleजलेस सम्मेलन में साझा संस्कृति संगम की घोषणा
नयी साहसिक पहलक़दमी की जरूरतजनवादी लेखक संघ के इलाहाबाद में हुए राष्ट्रीय सम्मलेन के अवसर पर आयोजित साझा संस्कृति संगम (14 फरवरी, 2014) में स्वीकृत घोषणा-भारतीय समाज इस समय फ़ासीवाद के मुहाने पर खड़ा...
View Articleनवउदारवाद और सांप्रदायिक फ़ासीवाद का उभार : प्रभात पटनायक
जलेस के इलाहाबाद में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन के साझा संस्कृति संगम में प्रभात के आलेख का सम्पूर्ण पाठजनतंत्र की वैधता के लिए अवाम के बीच इस यक़ीन की जरूरत पड़ती है कि वे जनतांत्रिक प्रक्रिया में शिरकत...
View Articleअविनाश मिश्र की चार कविताएं
सफदर हाशमी से निर्मल वर्मा में तब्दील होते हुए मैं थक गया हूं यह नाटक करते-करतेरवींद्र भवन से लेकर भारत भवन तक एक भीड़ के सम्मुख ‘आत्म सत्य’ प्रस्तुत करते-करते मैं अब सचमुच बहुत ऊब गया हूं इस निर्मम,...
View Articleअस्सी के काशीनाथ सिंह और नरेंद्र मोदी
Options for this story`धर्म और जाति को अबकी मुझे लगता है कि बनारस की जनता एक ठेंगा दिखाएगी और कहीं न कहीं मोदी के पक्ष में लोग जाएंगे।`-काशीनाथ सिंहअब इस पंक्ति में कितना भी स्वच्छ और उदार हृदय लगाएं...
View Articleविचारधारा ही ज़बान और बयान को तय करती है - असद ज़ैदी
`प्रभात खबर` अख़बार में छपा वरिष्ठ कवि असद ज़ैदी का इंटरव्यू‘कविता’ आपके लिए क्या है?कविता समाज में एक आदमी के बात करने का तरीक़ा है। पहले अपने आप से, फिर दोस्तों से, तब उनसे जिनके चेहरे आप नहीं जानते,...
View Articleमाणिक सरकार को आप कितना जानते हैं? : धीरेश सैनी
मेरी दिलचस्पी त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मणिक सरकार (बांग्ला डायलेक्ट के लिहाज से मानिक सरकार) के बजाय उनकी पत्नी पांचाली भट्टाचार्य से मिलने में थी। मैंने सोचा कि निजी जीवन के बारे में `पॉलिटिकली...
View Articleअमेरिका है साम्प्रदायिक-जनविरोधी ताकतों का संरक्षक : कमाल लोहानी
(बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार और मशहूर संस्कृतिकर्मी कमाल लोहानी वहां के प्रसिद्ध भाषा आंदोलन और मुक्ति संग्राम के बड़े नामों में से हैं। स्वाधीन बांग्ला बेतार केंद्र (बांग्लादेश रेडियो) के पहले निदेशक...
View Articleशुभा की चार कविताएं
वरिष्ठ कवयित्री, लेखिका और एक्टिविस्ट शुभा का आज जन्मदिन है। इस मौके पर हम अपनी 60 साल की इस युवा साथी की चार कविताएं प्रकाशित कर रहे हैं। 1 एक लम्बी दूरीएक अधूरा कामएक भ्रूणये सभी जगाते हैं...
View Article14 साल जेल में रहे आमिर की आपबीती
मेरे पूर्वजों ने इस ज़मीन को, एक धर्म-निरपेक्ष देश को चुना, गांधी को अपनाया, और जिस मिट्टी में वे पैदा हुए उसी में हम दम तोड़ेंगे। ये शब्द हैं मोहम्मद आमिर ख़ान के जिन्होंने 18 से 32 साल के बीच की अपनी...
View Articleरामचंद्र गुहा की प्रॉब्लम क्या है?
रामचंद्र गुहा के बेसिक्स में ही कोई प्रॉब्लम है या एक सधी हुई चतुरता। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के नागपुर भाषण को दूरदर्शन पर लाइव करने की आलोचना की। उन्होंने ट्वीट किया,`आरएसएस एक सांप्रदायिक...
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